चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है,
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है।।
हर शरीर मंदिर सा पावन, हर मानव उपकारी है,
जहां सिंह बन गए खिलौने, गाय जहां मां प्यारी है,
जहां सवेरा शंख बजाता, लोरी गाती शाम है,
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है।।
जहां कर्म से भाग्य बदलते, श्रम निष्ठा कल्याणी है,
त्याग और तप की गाथाएं, गाती कवि की वाणी है,
ज्ञान जहां का गंगाजल सा, निर्मल है अभिराम है,
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है।।
जिसके सैनिक समर भूमि में, गाया करते गीता हैं,
जहां खेत में हल के नीचे, खेला करती सीता है,
जीवन का आदर्श जहां पर, परमेश्वर का धाम है,
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है।।

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