स्वामी विवेकानंद

वंदे मातरम्
स्वामी विवेकानन्द ने अपने विचारों से दुनिया में भारत का नाम रौशन किया है। उनके द्वारा सन 1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में दुनिया को हिंदुत्व और आध्यात्म का पाठ पढ़ाया था। शिकागो में स्वामी विवेकानंद ने आध्यात्मिकता से परिपूर्ण भारतीय वेदांत दर्शन को अमेरिका और यूरोप के क्षितिज में फैलाया था। स्वामी विवेकानन्द ने रामकृष्ण मठ, रामकृष्ण मिशन और वेदांत सोसाइटी जैसे महत्वपूर्ण संस्थानो की नींव रखी थी।

ऊर्जा से भर देने वाले स्वामी विवेकानंद के 10 ओजपूर्ण विचार...

* जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते।


* बस वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं। 

* हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिए कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं। वे दूर तक यात्रा करते हैं।

* जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे। यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे।


* जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।

* उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए।

* किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
 
* सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चा होना। स्वयं पर विश्वास करो।

* एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ। 

* ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमीं हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है। 


                      ।। वंदे भारत मातरम ।।

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