उद्यमेन ही सिद्धयन्ति को दिसंबर 12, 2019 लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप उद्यमेन ही सिद्धयन्ति, कार्याणि न मनोरथै। न हि सुप्तस्य सिंहस्य, प्रविशन्ति मृगाः।। हिंदी अर्थः- प्रयत्न करने से ही कार्य पूर्ण होते हैं, केवल इच्छा करने से नहीं। सोते हुए शेर के मुख में मृग स्वयं प्रवेश नहीं करते हैं। टिप्पणियाँ
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