न त्वहं कामये राज्यम् न स्वर्ग न पुनर्भवम्।
कामये दुःख तप्तानां, प्राणिनायर्तिनाशनम् ।।
भावार्थ : मैं राज्य की कामना नहीं करता, मुझे स्वर्ग और मोक्ष नहीं चाहिए। दु:ख से पीड़ित प्राणियों के दु:ख दूर करने में सहायक हो सकूं, यही मेरी कामना है।
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