उद्योग नास्ति दारिद्र्यं

सुभाषित 

उद्योग नास्ति दारिद्र्यं जप तो नास्ति पातकम्।
मौने च कलहे नास्ति जागरतो भयम्।। 

अर्थ :-  उद्योग करने पर दरिद्रता नहीं रहती अर्थात उद्योगी पुरुष सुखी रहते हैं। जप करने वाले को पाप नहीं रहता,  चुप रहने पर लड़ाई झगड़ा नहीं होता। जगे हुए के पास डर नहीं आता।

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