हम लोगों को हमेशा सोचना चाहिए कि जिस कार्य को करने का हमने प्रण किया है और जो उद्देश्य हमारे सामने हैं, उसे प्राप्त करने के लिए हम कितना काम कर रहे हैं। जिस गति से तथा जिस प्रमाण में हम अपने कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं, क्या यह गति या प्रमाण, हमारी कार्य सिद्धि के लिए पर्याप्त है।
आद्य सरसंघचालक परम पूज्य डॉ0 केशवराव बलिरामराव हेडगेवार

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