चर्चा
संघ मण्डली
-- मास में एक दिन चलने वाला कार्यस्वरूप (कार्यक्रम)
-- निश्चित स्थान 'मंडली स्थान' , निश्चित दिन/दिनांक एवं निश्चित समय पर निर्धारित आचार पद्धति द्वारा एक घंटे का एकत्रीकरण। ध्वज लगाना आवश्यक नहीं।
-- निश्चित स्वरूप प्रारंभ में मण्डल रचना में खड़े होकर (सीटी की अपेक्षा नहीं) 'मंडल आज्ञा' का प्रयोग करना चाहिए यथा 'मंडल दक्ष' ।
-- आने वाले बंधुओं की आयु, स्वास्थ्य, स्वभाव, मौसम एवं मंडली स्थान आदि के अनुसार शारीरिक एवं बौद्धिक कार्यक्रम की रचना हो।
-- शारीरिक कार्यक्रमों में योग-व्यायाम, सूर्य नमस्कार, आवर्तन ध्यान, बैठ खेल, आसन आदि कराना योग्य रहेगा।
-- 'संघ मण्डली चलाने हेतु एक स्थानीय कार्यकर्ता 'मंडली प्रमुख' एवं निकटतम शाखा (पालक शाखा) से मार्गदर्शन एवं संपर्क हेतु एक स्वयंसेवक 'शाखा पालक' निश्चित करना चाहिए।
-- 'मण्डली प्रमुख' एवं 'मण्डली पालकों' का नियमित तथा निश्चित समय पर प्रशिक्षण एवं पेट के करना अपेक्षित है। धीरे-धीरे संघ मण्डली को सप्ताहिक मिलन में परिवर्तित करने का प्रयास करना चाहिए।
-- प्रारंभ में मातृभाषा में प्रचलित किसी प्रकार की भारत वंदना, से बाद में लंबे समय तक के लिए कोई वंदना अथवा प्रार्थना निश्चित करना।
-- दक्ष, आरम्, उपविश, उतिष्ठ, एवं विश्राम आदि न्यूनतम आज्ञाओं का प्रयोग करना अपेक्षित है।
-- समापन पर मंडल संख्या, प्रार्थना (प्रार्थना हेतु प्रणाम स्थिति में आकर संघ प्रार्थना का प्रथम श्लोक) दुहरवाकर भारतमाता की जय बोलकर विश्रम् की आज्ञा पर सभी स्वयंसेवक विसर्जित हो जाएंगे।
-- समय सारणी में प्रारंभ एवं समापन छोड़कर कार्यक्रमों के क्रम पर आग्रह नहीं है।
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