संघ की रीति-नीति


चर्चा 


संघ की रीति-नीति 

(क) संघ एक परिवार--आत्मीयता, बिश्वास, परस्पर सुख-दुख की चिंता, समूह के प्रति अंगांगी भाव ही उस समूह को परिवार बनाते हैं। हमारा एक परिवार है। हिंदू समाज हमारा बड़ा परिवार है। (ख)  कुल परंपराएं--कुछ पारिवारिक परंपराएं पहचान होती है, जैसे रघुकुल रीत सदा चली आई। (ग) सामूहिक चिंतल प्रणाली--परिवार की भाँति मिल-बैठकर विचार करना तथा प्रमुख द्वारा निर्णय। (एक बार निर्णय होने के बाद उसको अपना निर्णय मान कर काम करना) (घ) गुणों की चर्चा सर्वत्र दोषों की चर्चा व्यक्तिगत रूप से अथवा उच्च अधिकारियों से। (ड.) कार्यक्रमों की आडंबररहित व्यवस्थाएं। (च) कैमरा,  वीडियो का सीमित प्रयोग, मितव्ययता, सादापन। (छ) प्रसिद्धि पराड्मुखता--नाम के स्थान पर काम में विश्वास। (ज) कार्यक्रमों में समय पालन--संघ कार्यक्रम परिवार का कार्यक्रम इसलिए तालिया नहीं।

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