'साप्ताहिक मिलन' - बंद शाखा को पुनः जागृत करने के लिए



चर्चा
 'साप्ताहिक मिलन'

● 'बंद शाखा स्थान' प्रभुनाथ शाखा खोलने के लिए।
●  विभिन्न माध्यमों से नए स्थानों पर संपर्क में आए नए बन्धुओ को शाखा समझाने हेतु । 
● विभिन्न कारणों से दैनिक शाखा न आ सकने वाले स्वयंसेवको के लिए।
● सप्ताह में न्यूनतम एक दिन चलने वाला कार्यस्वरूप (कार्यक्रम)
● निश्चित स्थान : 'मिलन स्थान' निश्चित दिन, दिनांक एवं निश्चित समय पर निर्धारित पद्धति द्वारा एक घंटे का एकत्रीकरण।
● निश्चित स्वरूप : शाखा जैसे प्रारंभ करना, प्रारंभ में ही सारी आज्ञाए नहीं देना चाहिए।
● मिलन में आने वालों की आयु, स्वभाव, स्वास्थ्य मौसम एवं संघ स्थान आदि के अनुसार शारीरिक एवं बौद्धिक कार्यक्रमों की रचना हो। 
● ध्वज लगाने का आग्रह नहीं किंतु ध्वज प्रणाम की  आज्ञा पर प्रणाम करना अपेक्षित है।
● धार्मिक/राष्ट्रीय/सामाजिक पुस्तकों का वाचन बोध कथाएं, प्रेरक प्रसंग, समाचार समीक्षा, विविध क्षेत्र के कार्यों की जानकारी (मास में एक बार) बौद्धिक एवं जिज्ञासा समाधान (योग्य अधिकारी द्वारा मासिक) अपने ग्राम/बस्ती के विकास हेतु पारस्परिक चर्चा एवं निर्णय, संघ प्रार्थना का अभ्यास एवं अर्थ कथन आदि बौद्धिक कार्यक्रम।
● सभी छह उत्सव, पारिवारिक मिलन, वार्षिकोत्सव आदि कार्यक्रमों को मनाये जाये। 
● मिलन स्थान पर पूरी प्रार्थना हो।

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