प्रेरक प्रसंग -संत तुलसीदास



संत तुलसीदास (जन्म - श्रावण शुक्ल सप्तमी)


    जन्म उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद में। माता-पिता के स्नेह से वंचित दु:ख दारिद्र्य में बचपन बीता। पत्नी की प्रेरणा से जीवन राममय हो गया।
     काशी में अध्ययन व चिंतन कर भगवान राम का श्रेष्ठ चरित्र श्री रामचरितमानस के द्वारा जन जन तक पहुंचाया। गोस्वामी जी के लगभग दर्जन भर पुस्तके लिखी।  मुगल सम्राट अकबर के काल में पराश्रित अपमानित एवं निराश हिंदू समाज के समक्ष लोक कथा में भगवान राम के आदर्श चरित्र को प्रस्तुत कर सतत प्रवाहमान हिंदू संस्कृति के प्रभाव को और गतिमान बनाने में सफलता प्राप्त की।
     उन्होंने उस समय समाज में व्याप्त विषमताओं और विविधताओं के विरोध की भावना को दूर कर समन्वय स्थापित किया। ब्रजभाषा में कृष्ण काव्य की रचना कर राम-कृष्ण की आकरूपता का प्रतिपादन किया।

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