प्रेरक प्रसंग
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी
(6 जुलाई 1901 - 23 जून 1953)
(6 जुलाई 1901 - 23 जून 1953)
कोलकाता नगर में जन्म। 24 वर्ष की आयु में कोलकाता विश्वविद्यालय सीनेट के सदस्य चुने गए। कुछ दिनों पश्चात उपकुलपति। सन 1940 में हिंदू महासभा के अखिल भारतीय अध्यक्ष बनाए। गए सन् 1943 में बंगाल में पड़े दुर्भिक्ष (अकाल), 1947 में देश-विभाजन तथा कांग्रेस की मुसलमानों व पाकिस्तान के प्रति तुष्टिकरण नीति के विरोध में 19 अप्रैल 1950 को केंद्र के कांग्रेस मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया। 28 अप्रैल 1950 में भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष बने। कश्मीर को भारत का अंग बनाने के लिए 11 मई 1953 में सत्याग्रह का जेल गये। 23 जून 1953 को कश्मीर जेल में रहस्यमय परिस्थितियों में परलोक सिधार गए।
डॉक्टर मुखर्जी के इस महान बलिदान के फलस्वरूप पंडित नेहरू के मित्र व जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला का राष्ट्रद्रोही चरित्र उजागर हो गया और उसे जेल में डाल दिया गया। कश्मीर भारत से पृथक होते होते बच गया।
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