अमृत वचन


अमृत वचन


    जीवन का पहला और स्पष्ट लक्ष्य है -- विस्तार । यदि तुम जीवित रहना चाहते हो, तो तुम्हें फैलना ही होगा। जिस क्षण तुम जीवन का विस्तार बंद कर दोगे, उसी क्षण से जान लेना कि मृत्यु ने तुम्हें घर लिया है, विपत्तियां तुम्हारे सामने है।


 --स्वामी विवेकानंद

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