सुभाषित

सुभाषित

अश्रुतश्च समुत्रद्धो
      दरिद्रश्य महामनाः,
अर्थांश्चाकर्मणा प्रेप्सु
      मूढ इत्युच्यते बुधैः।।

भावार्थः- बिना पढ़े ही स्वयं को ज्ञानी समझकर अहंकार करने वाला, दरिद्र होकर भी बड़ी-बड़ी योजनाएँ बनाने वाला तथा बैठे-बिठाए धन पाने की कामना करने वाला व्यक्ति मूर्ख कहलाता है।

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