सुभाषितम्



ग्रामे ग्रामे सभा कार्या, ग्रामे ग्रामे कथा शुभा ।
पाठशाला मल्लशाला, प्रति पर्व महोत्सव: ।।
भावार्थ : ग्राम ग्राम में सभा द्वारा जनता का उद्बोधन हो, गांव-गांव में संस्कारवादी कथा सुनाई जाए। वैसे ही हर गांव में पाठशाला, व्यायामशाला हो तथा प्रत्येक पर्व पर महोत्सव मनाया जाए।

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