स्वर्ग के दरवाज़े पर


 तीन लोग स्वर्ग के दरवाज़े पर खड़े थे।

1,पुजारी,      2,डॉक्टर      3,टीचर,

भगवान : सिर्फ एक ही सीट खाली है स्वर्ग में ।
पहला: मैं पुजारी था। सारी उम्र आपकी सेवा की है ।
दिन रात आपकी पूजा की है।
दूसरा: मैं डॉक्टर था। सारी उम्र लोगों की सेवा की है । दिन को दिन और रात को रात नहीं समझा।
तीसरा: मैं एक टीचर था और मैंने पढ़ाने के साथ साथ  
वज़ीफ़ा वितरण,
ड्रेस वितरण 
पुस्तक वितरण
बैग वितरण
अभिभावक संपर्क 
बाल गणना
जनगणना
साक्षरता
स्कूल की रंगाई पुताई
स्कूल चलो अभियान की रैलियां आयोजित करना
ग्राम शिक्षा समिति
पी टी ए 
एम् टी ए
smc
आदि की की बैठके आयोजित करना। 
MDM बनवाना और उसे वितरित करना
इसके लिए लकड़ी  गैस गल्ला और सब्ज़ी ढोना
चुनाव
सेमिनार
पोषाहार
बोर्ड परीक्षा ड्यूटी
यूनिवर्सिटी परीक्षा
 CBSE
 ICSE
PTI
SMC सचिव
SSC
HSC
पल्स पोलियो
पशु गणना
राशन कार्ड
वोटर कार्ड
बी.एल.ओ....
मैपिंग
रजिस्टर्ड
जाति प्रमाण पत्र
बच्चो के फोटो
खिंचकर धुलवाना
 आधार कार्ड बनवाना,
जन्म प्रमाण
साइकिल वितरण covid 19 duty
और इन दोनों को मैंने ही योग्य बनाया है।
भगवान - बस--बस---बस कर पगले... अब क्या रुलायेगा ?
चल अंदर आ जा ।"
          यदि आप शिक्षक  हैं तो इस मैसेज को इतना फैलाओ कि हर उस आदमी को जवाब मिल जाए, जो शिक्षक को लापरवाह कहता है।

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