1948 का एक समझौता

मित्रों बहुत बड़ी सच्चाई जिसे पूरे भारतवासी को जानना अत्यंत आवश्यक है। यह छुपाया क्यों गया है और इसकी अवधि बढ़ाकर 2024 तक किया गया है। सार्वजनिक ना होने देने की रणनीति 1997 में ही क्यों तय की गई थी। इसे तत्काल ही पब्लिकली सार्वजनिक करना चाहिए।

इस पोस्ट में दी गई जानकारी शायद ही किसी को पता हो आखिर क्यों 2024 में सम्पूर्ण विपक्ष और  मुख्य रूप  से कांग्रेस मोदी  को सत्ता में आने  से रोकना चाहते हैं।

हर साल १० अरब देना मायने रखता है।

एक ऐसा बहुत बड़ा सच जो हम सभी भारतवासियों से छिपाकर रखा गया।

क्या हम जानते हैं कि हमारे देश से 10 अरब रुपये पेंशन प्रतिवर्ष महारानी एलिजावेथ को जाती है ?

आखिर वो कौन सा गोपनीय समझौता है जिसका खुलासा आज तक नहीं किया गया है..

भारतीय संविधान के अनुच्छेदों 366,371,372 व 395 में परिवर्तन की क्षमता भारत की संसद, प्रधानमंत्री यहाँ तक कि भारत के राष्ट्रपति के पास भी नहीं है ?

हमारे मन में कभी यह सवाल क्यों नहीं आया कि भारत, जापान,चीन,रशिया इन देशों में तो भारत अपना एंबेसडर【राजदूत】 नियुक्त करता है लेकिन श्रीलंका, पाकिस्तान, कनाडा, आस्ट्रेलिया इन देशों में हाई कमिश्नर (उच्चायुक्त) नियुक्त करता है।आखिर ऐसा क्यों ....??

आखिर भारत समेत 54 देशों को कॉमनवेल्थ कंट्री के नाम से क्यों जाना जाता है, इंडिपेंडेंड नेशन के नाम से क्यों नहीं ?

कॉमनवेल्थ का अर्थ होता है__  "सयुंक्त सम्पति"

क्या आपको पता है ब्रिटिश नैशनैलिटी अधिनियम 1948 के अन्तर्गत हर भारतीय,आस्ट्रेलियाई,कनाडियन,चाहे हिन्दू हो मुसलमान हो,ईसाई हो,बौद्ध हो अथवा सिक्ख ही क्यों न हो।

आज भी वे ब्रिटेन की प्रजा है?

क्या वाकई में हम आज भी क्वीन एलिजाबेथ के ग़ुलाम हैं?

जो कि लगभग 4000 पेजों में बनाया गया था, और जिसे अगले 50 वर्षों हेतु सार्वजनिक न करने का नियम नेहरू और गाँधी ने सत्ता के एवज में आनन-फानन में लागू करवाया था।

सन् 1997 में इस  Agreement  को सार्वजनिक होने से बचाने हेतु समय से पहले ही तत्कालीन प्रधानमन्त्री इन्द्र कुमार गुजराल ने इसकी अवधि सोनिया गाँधी के आदेशानुसार और बढ़ा दी और यह 2024 तक पुन: सार्वजनिक होने से बची हुई है।






काॅपी पेस्ट... कृपया लेख पूरा पढ़ें सभी को यह जानकारी होनी चाहिए



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