हिंदू राष्ट्र का शंखनाद हो

गणगीत 

हिंदू राष्ट्र का शंखनाद हो, कण-कण से आह्वान उठे।

तिमिर चीरता ज्योतिपुंज हो, हिंदू हिंदुस्तान उठे।।ध्रु।। 

हिंदू राष्ट्र था हिदू राष्ट्र है, और हमेशा शाश्वत है।

राम कृष्णा महादेव की, हमको मिली विरासत है।

 लाख-लाख पीढ़ियां लगी, तब हमने यह संस्कृतियों उपजाई।

 कोटि-कोटि सर चढ़े तभी, इसकी रक्षा संभव हो पायी।

हिंदू राष्ट्र का मूल मंत्र ले, हिंदू शक्ति महान उठे।।१।।

हृदय हृदय है आज धधकता रामभक्ति अंगारा है।  

चेतक के चलने वाले का, चमका आज दुधारा है।

वीर शिवा की चली वाहिनी, जय समर्थ का नारा है।

दूर हटो ए दुनिया वालो, हिंदुस्तान हमारा है।

चड़क पुत्र के निश्चय जागे, चंद्रगुप्त बलवान उठे।।२।।

सत्ताधीशों की हस्ती क्या, रावण कंस पछाड़ा है।

दुर्योधन अन्यायी का रण में, जंघा फाड़ा है।

रामद्रोह करने वाले का, होता जंग में ठौर नहीं।

अर्जुन का गांडीव उठाकर, गीता की जयगान उठे।।३।।







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