व्यक्ति-व्यक्ति में जगाए राष्ट्र चेतना।
जन-मन संस्कार करें यही साधना।
साधना.............. नित्य साधना।
साधना............. अखंड साधना ।।ध्रु।।
नित्य शाखा जान्हवी पुनीत जलधरा।
साधना की पुण्यभूमि शक्तिपीठिका।
रजकणों से प्रकटे दिव्यदीप मालिका।
हो तपस्वी के समान संघ साधना।
जन-मन संस्कार करें यही साधना।
साधना............ नित्य साधना।
साधना............ अखंड साधना ।।१।।
हे प्रभु तू विश्व की अजेय शक्ति दे।
जगत हो विनम्र ऐसा शील हमको दे।
कष्ट से भरा हुआ यह पंथ काटने।
ज्ञान दे कि हो सरल हमारी साधना।
जन-मन संस्कार करें यही साधना।
साधना.............. नित्य साधना।
साधना............. अखंड साधना ।।२।।
विजयशाली संघबद्ध कार्य शक्ति दे।
तीव्र और अखंड ध्येयनिष्ठा हमको दे।
स्वराष्ट्र धर्म रक्षणार्थ वीरवृत्त स्फुरे।
तव कृपा से हो सफल हमारी साधना।
जन-मन संस्कार करें यही साधना।
साधना.............. नित्य साधना।
साधना............. अखंड साधना।
व्यक्ति-व्यक्ति में जगाए राष्ट्र चेतना।
जन-मन संस्कार करें यही साधना।
साधना.............. नित्य साधना।
साधना............. अखंड साधना ।।३।।

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