संदेश

हिंदुओं बहादुरों, जागो जयातुरों

भारत मां की संताने हम

हे निखिल ब्रह्मांड नायक

पूज्य मा की अर्चना

शुद्ध सात्विक प्रेम अपने कार्य का आधार है

ओ हिंदू अब तू जाग

कण-कण गाता है मचल

भारत वंदे मातरम, जय भारत वंदे मातरम

व्यक्ति व्यक्ति में जगाए

ऋषियों सा व्यक्तित्व निराला

नगर ग्राम गिरी कंदर वन से

निर्माणों के पावन युग में

यह न मेरा राष्ट्र का है......

|| तुमने सोता देश जगाया ||

|| अयोध्या करती है आव्हान ||

हे! भीष्म तुम्हारा पौरुष भी सदियों धिक्कारा जाएगा

संग्राम जिन्दगी है

देश हमे देता है सबकुछ

सत्य का आधार लेकर

धरती की शान तू है