संदेश

भोजन मंत्र

हिंदुओं बहादुरों, जागो जयातुरों

भारत मां की संताने हम

हे निखिल ब्रह्मांड नायक

पूज्य मा की अर्चना

शुद्ध सात्विक प्रेम अपने कार्य का आधार है

ओ हिंदू अब तू जाग

मेरी मातृभूमि मंदिर है

संघ कार्यकर्ता के गुण

कण-कण गाता है मचल

मित्रता की परिभाषा

|| तुमने सोता देश जगाया ||

|| अयोध्या करती है आव्हान ||

हे! भीष्म तुम्हारा पौरुष भी सदियों धिक्कारा जाएगा

समाज है आराध्य हमारा, सेवा है आराधना