हिंदुओं बहादुरों, जागो जयातुरों

 संचलन गीत


हिंदुओं बहादुरों, जागो जयातुरों

है समय पर प्रयाण,अब नहीं विराम का।

राष्ट्र धर्म के लिए, जिए मरे जिए मरे .....||ध्रु||


हम जवान धर्म के काल है अधर्म के।

गति कभी रुके नहीं, सर कभी झुके नहीं।

पंथ आग से भरा, डगमगा रही धरा।

अडिग इस तूफान में, आंधी और तूफान में।

पर विराम ले न हम, बड़े कदम बड़े कदम।

हिंदुओं बहादुरों .........||१||


तुम अमर बढ़े चलो, शृंग पर चढ़े चलो।

आसमान भेंट लो, अंक में लपेट लो।

लक्ष्य नहीं दूर है, श्रम तनिक जरूर है।

हिंदू बंधु साथ ले, और चिराग हाथ ले।

संकटों को पार कर, बढ़े चलो बढ़े चलो।

हिंदुओं बहादुरों ..... ||२||


हिंदुतन कहीं पले, हिंदुता में मन ढले।

हिंदू धर्म के लिए, बूंद-बूंद हम गले।

जो चरित्रवान हैं, वो सदा महान हैं।

गांव-गांव घूमती, विजय पाॅव चूमती।

आ रही निहार लो, बहादुरो-बहादुरो।

हिन्दुओं बहादुरों ........||३||







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