बाल सुभाषित



सरस्वती के भंडार की, बड़ी अपूरब बात।

ज्यो-ज्यो खर्चे त्यौं-त्यौं बढ़े, बिन खर्चे घट जात।।


अर्थ: हे सरस्वती मां! आप का कोश (विद्या) बहुत ही अपूर्व है। जिसे खर्च करने पर बढ़ता है और संचय करने से घटने लगता है।

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