सुभाषित

उपदेशो ही मुर्खाणां प्रकोपाय न शान्तये।
पयः पानं भुजंग्ड़ाम केवलं विष-वर्धनम्।।

अर्थ :- उपदेश देने से मुर्ख का क्रोध बढ़ता है, वह घटता नहीं है। सांप को दूध पिलाना सिर्फ उसके विष को बढ़ाना है।

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